नरेंद्र मोदी के फैसले तानाशाही नहीं, दूरदर्शिता हैं – Modi 360° से समझिए कैसे

नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी के फैसले तानाशाही नहीं, दूरदर्शिता हैं – Modi 360° से समझिए कैसे

क्या निर्णायक नेतृत्व को तानाशाही समझ लेना सही है?

भारत के लोकतंत्र में हमेशा से विचारों की विविधता रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई बड़ा या असामान्य निर्णय लिया, तो उन्हें ‘तानाशाह’, ‘अहंकारी’ या ‘अविवेकी’ कहने की कोशिशें तेज़ हो गईं।

ऐसे में एक सवाल ज़रूरी है — क्या कोई नेता जो देश के लिए बड़े और कठिन फैसले लेता है, सिर्फ इसलिए तानाशाह कहा जा सकता है क्योंकि वह सबको खुश करने वाला नहीं है?

Modi 360° किताब में यही बात साफ होती है — मोदी की राजनीति का आधार लोकप्रियता नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में किया गया निष्पक्ष निर्णय है। चाहे वह नोटबंदी हो, धारा 370 का हटाया जाना हो, या फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) — ये सभी फैसले देश के भविष्य को ध्यान में रखकर लिए गए थे, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए।

नोटबंदी ने देश को कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ाया, जिससे डिजिटल लेन-देन की क्रांति हुई। धारा 370 हटाने से जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्यधारा में लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ, और CAA उन शरणार्थियों के लिए एक राहत बनकर आया जो वर्षों से भारत में सुरक्षित जीवन की तलाश में थे।

इन फैसलों को लेकर तमाम विरोध और आलोचना हुई, लेकिन मोदी अपने निर्णयों से पीछे नहीं हटे — क्योंकि उनका मकसद एक राजनीतिक ‘इमेज’ नहीं, बल्कि एक मज़बूत और सुरक्षित भारत का निर्माण था।


मोदी का नेतृत्व: आलोचना के परे एक स्पष्ट दृष्टिकोण

सच्चे नेतृत्व की पहचान वही होती है जो Modi 360° में बार-बार देखने को मिलती है — जब कोई व्यक्ति हर आलोचना को चुपचाप सुनते हुए, जनता के हित में अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ता है। नरेंद्र मोदी का नेतृत्व इसी सिद्धांत पर टिका है।

उनका व्यक्तित्व न तो भावनात्मक दबाव में आता है, और न ही जनता की अस्थायी नाराज़गी से विचलित होता है। वे जानते हैं कि कुछ निर्णय अलोकप्रिय ज़रूर होंगे, लेकिन दीर्घकाल में वही निर्णय भारत को आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक रूप से एक नई ऊँचाई पर ले जाएंगे।

मोदी उस वर्ग के नेता नहीं हैं जो सत्ता को बचाने के लिए फैसले टालते हैं — वे उन नेताओं में से हैं जो सत्ता को जोखिम में डालकर भी निर्णय लेते हैं।

निष्कर्ष

आज अगर मोदी के फैसलों को ‘तानाशाही’ कहा जा रहा है, तो ज़रूरत इस बात की है कि हम तानाशाही और दूरदर्शी नेतृत्व के बीच का फर्क समझें।
Modi 360° इस फर्क को समझने का एक सशक्त माध्यम है — यह बताती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी आलोचना के शोर में भी देश के विकास की दिशा में डटा रहता है।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की असली ताकत यही है — वे आज के नहीं, आने वाले भारत के लिए निर्णय लेते हैं।

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by Shahansha